धर्म, प्रांत, भाषा, बोली के खूब रखो अभिमान ,
प्रांतवाद हर मन में रखकर कौए बाटत ज्ञान।
पंद्रह अगस्त आते ही झड दो देशभक्ति का प्लान।
ललकारो अपने ही आँगन- मेरा देश महान ।।
प्रांतवाद हर मन में रखकर कौए बाटत ज्ञान।
पंद्रह अगस्त आते ही झड दो देशभक्ति का प्लान।
ललकारो अपने ही आँगन- मेरा देश महान ।।
कौओं की का-का को दे दो कुहु- कुहु सा मान
कोयल भी बोले मैं कौआ, का-का ही हो गान
अपमानित हो सभ्य यहाँ और झूठों का सन्मान
ललकारो अपने ही आँगन- मेरा देश महान ।।
अपमानित हो सभ्य यहाँ और झूठों का सन्मान
ललकारो अपने ही आँगन- मेरा देश महान ।।
- बारकवी
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